कामयाबी का जोश

 हेल्लो दोस्तों कैसे है आप सब उम्मीद करता हूं की आप लोग बहुत ही अच्छे होंगे मित्रों आज मैं एक ऐसी बात आपको बताने जा रहा हूं जो एक हकीकत भी है और हमारे आपके जीवन से जुड़ी एक कड़ी भी है। दोस्तों आपने अक्सर देखा होगा की जब आप कोई काम शुरू करना चाहते है तो कई लोग आपके द्वारा शुरू किए गए कार्य कई प्रकार की टिप्पणी करते है जिसे सुनकर आपको बहुत ही बुरा भी लगता होगा जैसे की - अरे ये काम मत कर सही नही है, ये तुझसे नही होगा, तेरा नुकसान हो जायेगा, बहुत ही मुश्किल है तू नही कर पायेगा, तेरे बस की बात नही है वगैरा वगैरा। और जिसे सुनकर आपको बहुत ही गुस्सा भी आता होगा और बुरा भी लगता होगा। और कुछ देर बाद आपके अंदर जो जुनून था काम शुरू करने का वो भी धीरे धीरे ख़त्म होने लगता है। आप अपने हिम्मत को तोड़ देते हैं आपके अंदर लोगों की बातों को सुनकर निराश उत्पन्न हो जाती है।  जिससे आप जो कार्य करने जा रहे थे उस कार्य को शुरू करने से पहले ही पीछे हट जाते है जिसकी वजह से आपको सफलता की जगह असफलता हाथ आती है।क्योंकि आप अपने मन में ये सोचकर बैठ जाते हो कि ये लोग सच बोल रहें हैं,पता नही जिस काम को मैं शुरू करने ज

समय चक्र/Samay chakra

हैलो दोस्तों कैसे है आप सब उम्मीद करता हूँ,बहुत अच्छे होंगे  दोस्तों आज मैं ऐसे विषय के बारे में आप सब लोगों को को बताने जा रहा हूँ। जो हमारे और आप सभी लोगों के लिए बहुत जरुरी है, और जीवन का एक अहम् हिस्सा है। जिसके बिना कोई भी इंसान कुछ नहीं कर सकता है, तो आइए आपको बताते है की आज हम किस विषय पर बात करने जा रहें है। 
दोस्तों  हम जिस विषय के बारे में बात करने जा रहे है वो है हमारा और आपका कीमती समय। दोस्तों समय ही एक ऐसा चक्र है जो रुकने का नाम नहीं लेता है ,बल्कि आगे बढ़ता ही जा रहा है। इसमें न तो स्पीड बढ़ाने वाला कोई यंत्र है और न ही इसकी गति को धीमी करने वाला कोई यंत्र, और न ही इसे रोकने वाला कोई पावर ब्रेक बल्कि ये अपनी एक ही गति से आगे ही बढ़ता जा रहा है। जो हमको कुछ पल, कुछ घंटे, एक दिन, एक सप्ताह, एक माह और एक साल यूँ ही दिखाता हुआ धीरे-धीरे निकलता हुआ चला जा रहा है। ये समय चक्र न जाने कितने हजारों सालों से चला आ रहा है,और यूँ ही चलता जा रहा है,और चलता भी जायेगा।

हम सबको पता है की हम लोगों का जन्म इसी समय चक्र के दौरान ही हुआ है,और यह समय हमें भी छोड़कर आगे बढ़ता  जा रहा है,क्या आपको पता है की हम और आप इस समय के साथ चल पा रहें है शायद नहीं ,क्योकिं हम लोग कभी समय पर ध्यान नहीं देतें हैं ,और जब ध्यान देते हैं, तो पता चलता है की हमने अपना बहुत कीमती समय गवां दिया है,और बाद में पछताना पड़ता हैं। लेकिन समय हमको यह भी बताता चलता है की आप पछताओ मत आप जब भी मेरा साथ पकड़ लो मैं आपको अपने साथ ले चलूँगा। आपका हर बिगड़ा हुआ कार्य पहले जैसा फिर से  सही कर दूंगा आपको हर वो चीज़ दूंगा जो आप चाहते हो, पर कुछ समय पछताने के बाद हम अपने आपको बदल कर समय के साथ चलने लगते है ,और कुछ समय बाद जब हमारा बिगड़ा हुआ कार्य सही हो जाता है और सब कुछ सही-सही चलने लगता है, तो हम सभी लोग समय का साथ छोड़कर और अपने बेफिजूल के कामों में अपना समय बर्बाद करने लगते हैं। जिससे हमारा कीमती समय फिर से हमें छोड़कर आगे बढ़ने लगता है। इस तरह हमारा कीमती समय पुनः हमें छोड़कर आगे निकल जाता है,और हम पीछे रह जाते है।

दोस्तों यह जो समय चलता है, इसकी रफ्तार घड़ी की सुइयों की तरह बहुत धीमी गति से चलती हुई दिखाई देती है, क्योंकि ये हमें कुछ पल कुछ घंटे फिर एक दिन और एक रात की तरह देखने और सोचने में बहुत लगते हैं पर विश्वास नहीं होता है कि कब और कितनी जल्दी बीत जाते हैं । दोस्तों समय के साथ चलना सीखो क्योंकि जीवन का कोई पता नहीं है, कब तक और कितना चलेगा यदि हम समय के साथ चलेंगे तो हमारा जीवन क्यों न ही कम हो पर हम अपने आगे आने वाले समय के लिए कुछ ऐसा कर जाएंगे जिससे किसी और को लाभ हो सकता है।

दोस्तों आपने देखा होगा जब किसी के यहां कोई बच्चा जन्म लेता है, तो उसके माता-पिता अपने छोटे से बच्चे के लिए बड़े बड़े सपने देखते है, और उन्हें पूरा करने के लिए वे दिन-रात मेहनत करके उसकी अच्छे से परवरिश करते है,और उसको अच्छी शिक्षा देतें है, और अच्छे संस्कार देते है, धीरे - धीरे जब बच्चा बड़ा हो जाता है, और किसी अच्छी सी कंपनी में नौकरी करने लगता है, साथ में अपने माता पिता की देखभाल भी करता है, और अपना परिवार भी बसा लेता है। अब कुछ समय के बाद उस बच्चे के माता - पिता के न रहने के बाद भी अब वही बच्चा अपने माता पिता के द्वारा दिए गए शिक्षा और संस्कार के जरिए अब अपने परिवार को सही ढंग से चला रहा है,और अपने बच्चों को भी अपने माता - पिता की तरह अच्छी शिक्षा और अच्छे संस्कार दे रहा है। जो आगे चलकर उसके बच्चों के लिए लाभ दायक होगा, दोस्तों इसे ही कहते हैं समय के साथ चलना। आप जैसा अपने बच्चों के साथ अपने भाई बहन के साथ अपने परिवार के साथ करोगे आने वाला समय भी उसी तरह से अच्छा होगा।

वह माता पिता जो अपने समय का सदुपयोग करके अपने बच्चों की दिनों रात मेहनत करके उसकी अच्छी तरह परवरिश की और अच्छी शिक्षा दी,और अच्छे संस्कार दिए आज उसके न होने के बाद भी उसके बच्चे भी समय के साथ - साथ चलना सीख गए और एक अच्छा जीवन जी रहे है।

दोस्तों समय देखने में तो बहुत ही धीमी गति से चलता हुआ दिखाई देता है, पर आपके बेफिजूल कामों के चक्कर में कितनी जल्दी निकल जाता है।आपको पता भी नहीं चलता है।इसलिए समय को ध्यान में रखते हुए आप लोग भी समय के साथ-साथ चलना सीखो और अपने बच्चों को समय के साथ एक अच्छी शिक्षा और अच्छे संस्कार दो ताकि आपके द्वारा आपके बच्चों को समय के साथ जो शिक्षा और संस्कार दिए जाएंगे वो आने वाले समय में आपके बच्चों के भविष्य के लिए बहुत की लाभदायक होगा। क्योंकि आपकी शिक्षा और संस्कार से आपके बच्चे भी उसी तरह से समय के साथ-साथ चलना सीख जायेंगे,जैसे आप उनको सिखांएगे।

दोस्तों समय का सदुपयोग करना ही समय चक्र के साथ - साथ चलना कहलाता है, क्योंकि आपके द्वारा समय का सदपयोग करके जो भी कार्य किये जाएंगे वो आपके आने वाले समय में आपके न होने पर भी आपकी शिक्षा और संस्कार आपके बच्चों को भी समय चक्र के साथ चलना सिखाएगी।

दोस्तों मेरी ये पोस्ट आपको कैसी लगी जरूर बताना।








   



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