कामयाबी का जोश

 हेल्लो दोस्तों कैसे है आप सब उम्मीद करता हूं की आप लोग बहुत ही अच्छे होंगे मित्रों आज मैं एक ऐसी बात आपको बताने जा रहा हूं जो एक हकीकत भी है और हमारे आपके जीवन से जुड़ी एक कड़ी भी है। दोस्तों आपने अक्सर देखा होगा की जब आप कोई काम शुरू करना चाहते है तो कई लोग आपके द्वारा शुरू किए गए कार्य कई प्रकार की टिप्पणी करते है जिसे सुनकर आपको बहुत ही बुरा भी लगता होगा जैसे की - अरे ये काम मत कर सही नही है, ये तुझसे नही होगा, तेरा नुकसान हो जायेगा, बहुत ही मुश्किल है तू नही कर पायेगा, तेरे बस की बात नही है वगैरा वगैरा। और जिसे सुनकर आपको बहुत ही गुस्सा भी आता होगा और बुरा भी लगता होगा। और कुछ देर बाद आपके अंदर जो जुनून था काम शुरू करने का वो भी धीरे धीरे ख़त्म होने लगता है। आप अपने हिम्मत को तोड़ देते हैं आपके अंदर लोगों की बातों को सुनकर निराश उत्पन्न हो जाती है।  जिससे आप जो कार्य करने जा रहे थे उस कार्य को शुरू करने से पहले ही पीछे हट जाते है जिसकी वजह से आपको सफलता की जगह असफलता हाथ आती है।क्योंकि आप अपने मन में ये सोचकर बैठ जाते हो कि ये लोग सच बोल रहें हैं,पता नही जिस काम को मैं शु...

मेरी पहली पोस्ट My First Post

मेरी पहली पोस्ट My First Post 

                    मेरे जीवन से जुड़ी कुछ पल जो आपको अपनी पहली पोस्ट में बताने जा रहा हूं। जिससे आप कभी भी हार नहीं मानेंगे।

हैलो दोस्तों 

                           मैं पवन कैसे हैं, आप सब उम्मीद करता हूँ,आप लोग बहुत अच्छे होंगे।आज आपको बताते हुए बड़ी ख़ुशी हो रही हैं,कि मैंने भी अपना एक ब्लॉग बनाया और आज उस पर अपनी एक पहली पोस्ट डाल रहा हूँ। जो मेरे जीवन से जुड़ा हुआ हैं,इस पोस्ट में मेरे जीवन से जुड़ी एक सच्ची घटना है। जिसमें मैंने कैसे अपने विपरीत परिस्थितियों में भी रहकर अपनी हिम्मत को न हारते हुए,कैसे अपनी सोच बदली,कैसे अपनी पढ़ाई पूरी की और कैसे अपने सपनों को साकार किया।

 मेरी अपनी सोच                                                                                                                                                          
       
         इस दुनिया में रहने वाले हर इंसान की अपनी एक सोच होती है, और अपनी मंजिल भी की वह क्या सोच रहा है, क्या पाना चाहता। प्र्त्येक इंसान की सोच होती है,कि उसके हर सपने साकार हो।
मेरा भी एक सपना था।इंटरनेट की दुनिया में आना और बहुत कुछ सीखना और सीखना तथा अपने बारे में लोगों को बताना पर मेरी परिस्थितियाँ मेरे अनुकूल नहीं थी। मेरा जन्म बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। जहाँ के लोग सुबह काम पर जाते तो शाम को पेट भरते और रात इस उम्मीद में सोचकर सो जाते की कल सुबह काम पर जाना है, तभी खाने को मिलेगा। इस तरह मेरे सपनो के पूरे होने की कोई उम्मीद नहीं थी। बचपन में अपने बड़े बुजुर्गों और माता-पिता से कई महापुरुषों और महात्माओं की कहानियाँ  सुनी और आगे पढ़ी भी थी। जिनकी स्थितियाँ हमसे भी विपरीत थी, और विपरीत परिस्थितियों में भी रहकर अपनी हिम्मत को बनाये रखे। जो आगे चलकर एक मिशाल बन गए,और पूरी दुनिया को एक शिक्षा दे गए कि स्थितियाँ चाहे भी जैसी क्यों न हो हमें अपनी हिम्मत और हौसले कभी भी नहीं हारना चाहिए उनकी इन्हीं बातों और सीख ने हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रही और इस मुक़ाम पर लाकर खड़ा कर दिया, जहाँ से मेरे भी अब हर सपने साकार होते हुए दिखाई दे रहे हैं।                       
                            
मेरी शिक्षा                                                                                                                         

               एक गरीब परिवार में जन्म लेकर पढ़ना शायद ही किसी के नसीब में होता हो,क्योंकि 20 साल तक की उम्र पढाई में और 5 साल तक की उम्र नौकरी के चक्कर में गुज़र जाती है,यू मानों की जीवन का आधा समय पढ़ाई में और नौकरी के पीछे ही गुज़र जाता है। इस स्थिति में भला कोई कैसे पढ़ सकता है।मेरी पढाई के पीछे सबसे बड़ी भूमिका मेरे माता -पिता की और मेरे परिवार वालो की थी।जिन्होंने मुझे पढ़ाने के लिए कई प्रकार की मुश्किलों का सामना किया,और मेरी पढाई चलती रही। एक समय ऐसा आया। जहाँ मेरी भी पढ़ाई पैसों की वजह से रुक गई। किसी ने सच ही कहा है,पढ़ाई भी पैसों से ही होती है,कितने लोग ऐसे है।  जो पैसों के बिना नहीं पढ़ पाते है और बाद में अपने माता -पिता,भाई -बहन का पेट भरने के लिए घर से कहीं दूर शहर काम की तलाश में निकल जाते है। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ परीक्षा के बाद पैसों की वज़ह से मेरी अगली कक्षा की पढाई भी रुक गई,और मुझे भी काम की तलाश में बाहर जाना पड़ा। लेकिन ईश्वर को मेरे काम से ज्यादा मेरी पढ़ाई मंजूर थी। और परीक्षा के कुछ दिन बाद मेरी स्कॉलरशिप आ गयी। जिससे मैं अगली कक्षा में पढ़ने के लिए जा सका,और इस तरह हर वर्ष परीक्षा के बाद मेरी स्कॉलरशिप आती गई,और मैं पढ़ाता गया। जब भी कहीं और पैसों की आवश्कता पड़ी तो मेरे परिवार वालों की तरफ़ से कुछ मद्द्त मिलती गई। इस तरह मेरा जीवन काफ़ी संघर्षों से भरा रहा,और पढ़ाई पूरी होने के कुछ दिन बाद मुझे एक सरकारी टीचर की नौकरी मिल गई।जिससे मेरे घर की कुछ परेशानियाँ दूरहुई।           
                
आज मैं अपने विद्यालय में बच्चों को एक अच्छी शिक्षा देता हूँ,और लोगों को भी हिम्मत न हारने की प्रेरणा प्रदान करता हूँ। जिससे कोई भी शिक्षा से वंचित न रह सके, और हर किसी का सपना साकार हो। दोस्तों ये मेरे जीवन के कुछ ओ पल थे।जिसे हमने बहुत ही मुसीबत से गुज़ारे है,और कुछ पल ऐसे भी थे। जो काफ़ी खुशियों में बीतें हैं। जैसे अपनी फ़ैमली के साथ और कुछ पल अपनी रिश्तेदारों के साथ और सबसे ज़्यादा समय अपने गांव के दोस्तों के साथ।जो कभी गांव के किनारे तालाबों के पास तो कभी आम के पेड़ पर चढ़कर तो कभी बगीचों में क्या दिन थे, ओ भी जो आज आँखे बंद करने के बाद भी पूरी तरह से दिखाई पड़ते हैं,मानों की मैं उस अपने प्यारी सी बचपन की दुनियाँ में वापस आ गया हूँ। अपने प्यारे दोस्तों के साथ,मेरा प्यारा बचपन न जाने कहाँ खो गया। 


इस दुनियाँ में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो अपने जीवन को मुझसे भी ज़्यादा ग़रीबी में गुज़ार रहें हैं या गुज़ार चुके हैं,पर मैं दुनियाँ के हर इन्सान से कहना चाहता हूँ, कि कितनी ही मुसीबत क्यों न हो हमें हार नहीं माननी चाहिए। क्योंकि मुसीबत उस काली रात की तरह हैं,जो सुबह की पहली किरण के साथ छट जाती हैं,और जीवन में एक फिर से खुशियों वाली सुबह लेकर लौट आती हैं।                          
                                                                               जीवन एक संघर्ष

दोस्तों
            
     मेरे ब्लॉग पर मेरे द्वारा लिखी गई पोस्ट जो मेरे जीवन से जुड़ी हैं कोई काल्पनिक कहानी नहीं हैं,बल्कि एक सच्ची घटना हैं, अगर पसंद आयी हो लाइक और कमेंट जरूर करना। हमें बड़ी ख़ुशी मिलेगी, ताकि मैं पवन आप तक कोई और भी जानकारी मिलें तो पंहुचा सकू।  🌺🌺🙏🙏




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