जीवन का हर एक पल हर क्षण एक नए राहों के जैसा ही होता है इस दुनिया में आने के बाद जिस जीवन की हम शुरुआत करते है उसमें हमें कुछ न कुछ हमेशा सीखने को मिलता ही रहता है जैसे कि हम जब भी किसी अनजान रास्ते पे कभी निकलते है तो हमें कुछ भी नहीं पता होता है किसी दूसरे के साहारे हम आगे बढ़ते जाते है और जैसे जैसे हम आगे बढ़ते जाते है हमको कुछ न कुछ देखने को या सीखने को नई नई चीजें मिलती ही रहती है उसी तरह जीवन का हर दिन और हर पल एक नए रास्ते कि तरह है जो हमें कुछ न कुछ सीखता ही चलता है।
बचपन खेलकूद में दोस्तों के बीच बीतता है जो हमें मित्रता पाठ सिखाती है ,और विद्यालय जिसमे अनेक जाति और धर्म के बच्चे जिनके बीच शिक्षा प्राप्त की जाती है सामाजिकता का पाठ सिखाती है,और परिवार जिसमें माता-पिता,भाई-बहन अन्य सदस्य रहते हैं जो हमें दूसरे के साथ मिलजुल कर रहने का पाठ सिखाती हैं। इस तरह हम लोग जो जीवन जी रहें है वो एक अन्जान राहों की तरह ही हैं जो हमें हर पल यह सिखाती है की हमें किसके साथ कैसा व्यवहार करना है
सुबह की हर वो पहली किरण जिससे हम अपने दिन की शुरुआत करते है नई राहों जैसे ही होती है जो हमें नई नई शिक्षा देती रहती है इसलिए हमें भी चाहिए की हम जो कार्य करें उसे सोच समझ कर ही करें क्योंकि हमारा हर समय बहुत ही क़ीमती है। जिससे हम अपने समय के साथ जीवन के उन अनजान राहों से गुजरते है। जिसके बारे हमें पता नहीं होता है,और हमारी थोड़ी सी ही गलती पर हमें पछताना पड़ सकता है
एक गांव में किसान का एक परिवार रहता था। वह बहुत ही मेहनती और ईमानदार था। उसकी एक पत्नी और एक बेटा भी था। किसान अपने खेत में जो भी फसल बोता तैयार हो जाने पर उसी से वो अपने परिवार का पेट भरता और जो भी फसल बचते उसे बेंच कर अपने परिवार का ख़र्चा चलाता था। इस तरह किसान का परिवार बहुत खुश रहता था। कुछ साल बीत जाने के बाद किसान के बेटे ने अपने पिता से अपने दोस्तों के साथ शहर जाने की बात कही तो किसान ने ख़ुशी-ख़ुशी अपने बेटे को शहर जाने की आज्ञा दे दी,ये बात सुनकर किसान की पत्नी ने किसान से कहा की आपने बेटे को जाने के लिए कह तो दिया पर अभी उसे शहर के तौर तरीके पता नहीं है और वो इतने बड़े शहर में कैसे रह पायेगा।
किसान ने अपनी पत्नी से कहा की हमने अपने बेटे को एक अच्छी शिक्षा दी है वो मेरी ही तरह मेहनती और ईमानदार है वो गलत रास्ते पर नहीं जायेगा इसलिए हमने उसे शहर जाने के लिए कह दिया। यदि हम उसे जाने से रोकते तो शायद उसे बुरा भी लगता क्योंकि अब वो बड़ा हो गया है और अपने जीवन के फैसले खुद कर सकता है आज अगर हमारा बेटा अपने जीवन को अपने तरीके से जीना चाहता है तो उसे मत रोको क्योंकि जीवन का हर पल एक अनजान रास्तों की तरह है।हम कब तक अपने बच्चो का साथ देंगे एक न एक दिन हमारा साथ जरूर छूट जाएगा का इसलिए आज उसे खुद अपने पैरो पर खड़ा होने का मौका दो जिससे वो भी दुनियां देखे और समझे ताकि उसका विश्वाश अपने जीवन के प्रति बढ़े किसान की बात सुनकर पत्नी ने भी अपने बेटे को खुशी खुशी शहर जाने को कह दिया
आप जानते है की इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है कि अगर हम कोई भी कार्य करें तो उसे खुद करने कि सोचे न कि किसी के भरोसे क्योंकि जीवन का हर समय बहुत ही अनमोल है और अनजाना कैसे होगा कोई नहीं जानता है इसलिए हमे भी चाहिए कि हम अपने विश्वास को बनाए रखे और जीवन के रास्ते पर आगे बढ़ते रहें।
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